नवरात्रि का ९ वें दिन:माता सिद्धिदात्री
Oct. 14, 2021, 6:08 a.m. by Karuwaki Speaks ( 515 views)
नवरात्रि की नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है. माता सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्तों के हर कष्ट मिट जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं.
धरती से असुरों के अत्याचारों को समाप्त करने के लिए ही मां दुर्गा ने नवरात्रि के नवें दिन मां सिद्धिदात्री के रूप में अवतार लिया था. नवरात्रि का आरंभ प्रतिपदा से होता है. इस दिन से लेकर नवमी तक संपूर्ण दैत्यों का मां दुर्गा अपने अलग अलग रूपों से वध करती हैं. अंतिम दिन यानि नवें दिन मां दुर्गा सिद्धिदात्री के अवतार लेकर सभी कार्यों को सिद्ध करती हैं. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से मोक्ष की कामना भी पूरी होती है.
मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं. मां के उपर के दाहिने हाथ में चक्र नीचे वाले में गदा और ऊपर के बाएं हाथ में शंख तथा नीचे वाले हाथ में कमल का फूल धारण किए हुए हैं. मां के गले में दिव्य माला शोभित हो रही है. यह कमलासन पर आसीन हैं. इनकी सवारी सिंह है. मां सिद्धिदात्री कष्ट, रोग, शोक और भय से भी मुक्ति दिलाती हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही भगवान शंकर का आधा शरीर देवी का हुआ था. इस स्वरूप के कारण ही उन्हें 'अद्र्धनारीश्वर' भी कहा जाता है.
इस दिन पूजन के बाद मां को विदाई दी जाती है. इस दिन स्नान करने के बाद चौकी पर मां सिद्धिदात्री को स्थापित करें. इसके बाद आवाहन करें. पुष्प अर्पित करें. अनार का फल चढ़ाएं. नैवेध चढ़ाएं. मिष्ठान, पंचामृत और घर में इस दिन बनने वाले पकवान का भोग लगाएं. हवन के बाद घर की कन्याओं का पूजन करें, उन्हें उपहार देकर उनका आर्शीवाद लें.
Comments (1)
Mini 7 months, 1 week ago
Jai Mata Di